Friday, February 8, 2019

DHOKHA

बेकाबू हाथें बात करती है
वहनी की धार से|
क्षत विक्षत पड़ा है मानव
धोखे की प्रहार से|
बात मे आकर बात न जाने,
कौन किस जात का जात न जाने,
रहा न जाता अपनो के पीड़ा की
कहार से|
क्षत विक्षत पडा मानव
धोखे की प्रहार से| 

Saturday, February 2, 2019

SHAYARI



हमने हर मोड़ पर शिकस्त खायी 
काम नहीं आए कोई तरकीब मेरे|
उस बेवफा को भूल चुका हूँ मैं पर,
तुम बहुत याद आते हो रकीब मेरे|







रिंदा रखते हो क्यूँ हलाल के वक्त,
उनको दिदार करने दिजिए|
मौत का ही फरमान सही लेकिन,
पहले इश्क का इजहार करने दिजिए|











Friday, December 14, 2018

TANHA MANN

भगवन! मेरी मुराद पूरी आज कर दे,
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे।
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे,
ये मन भी बहुत मचलने लगा है।
उल्टी सीधी राहों पे चलने लगा है,
अश्कों की बूँदे  गिनता है।
महताब से रोशनी छिनता है,
इसके अंदर की अगन आफताब को
भी सरताज कर दे।
भगवन! मेरी मुराद पूरी आज कर दे,
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे।

DHOKHA

बेकाबू हाथें बात करती है वहनी की धार से| क्षत विक्षत पड़ा है मानव धोखे की प्रहार से| बात मे आकर बात न जाने, कौन किस जात का जात न जाने, र...