Friday, December 14, 2018

TANHA MANN

भगवन! मेरी मुराद पूरी आज कर दे,
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे।
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे,
ये मन भी बहुत मचलने लगा है।
उल्टी सीधी राहों पे चलने लगा है,
अश्कों की बूँदे  गिनता है।
महताब से रोशनी छिनता है,
इसके अंदर की अगन आफताब को
भी सरताज कर दे।
भगवन! मेरी मुराद पूरी आज कर दे,
मेरी तबीयत ही कुछ नासाज कर दे।

DHOKHA

बेकाबू हाथें बात करती है वहनी की धार से| क्षत विक्षत पड़ा है मानव धोखे की प्रहार से| बात मे आकर बात न जाने, कौन किस जात का जात न जाने, र...